आधुनिक ब्रेड और पारंपरिक ब्रेड
आधुनिक ब्रेड और पारंपरिक ब्रेड के बीच का अंतर समझने के लिए, नीचे दिए गए तालिका में दोनों के घटकों और उनके प्रभावों की तुलना की गई है:
विशेषता | आधुनिक ब्रेड | पारंपरिक ब्रेड |
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मुख्य सामग्री | परिष्कृत आटा, L-सिस्टीन (मानव बाल से निकाला गया), पोटैशियम ब्रोमेट, बीज के तेल, ब्लीच, कीटनाशक | आटा, नमक, पानी, जैतून का तेल, तीन दिनों तक किण्वित |
स्वास्थ्य पर प्रभाव | इसमें मौजूद हानिकारक रसायनों और परिष्कृत आटे के कारण स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है | प्राकृतिक और कम प्रसंस्कृत सामग्री के कारण स्वास्थ्य के लिए बेहतर |
संचालन क्षमता | अधिक समय तक शेल्फ पर टिकाऊ, परंतु कई प्रकार के संरक्षकों के साथ | कम शेल्फ लाइफ, परंतु स्वस्थ्य और पौष्टिक |
पोषण मूल्य | ग्लूटेन की मात्रा में वृद्धि और अन्य रसायनों के कारण पोषण की कमी | किण्वन प्रक्रिया के कारण उच्च पोषण मूल्य |
उत्पादन का समय | जल्दी उत्पादन और प्रसंस्करण के लिए तैयार | किण्वन के लिए अधिक समय, लगभग तीन दिनों का |
प्रभावशाली समय | 1980 के दशक के बाद से अधिक हानिकारक | पारंपरिक समय से लेकर अब तक स्वास्थ्यकर |
निष्कर्ष:
आज के समय में बाजार में उपलब्ध अधिकांश ब्रेड में हानिकारक रसायन और संरक्षक होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं। 1980 के दशक के बाद से, हमने गेहूं को हाइब्रिड किया, ग्लूटेन की मात्रा बढ़ाई, और इसे शेल्फ-स्टेबल बनाने के लिए सस्ते संरक्षकों का उपयोग किया।
इसके विपरीत, अगर आप पारंपरिक तरीके से बने हुए, तीन दिनों तक किण्वित ब्रेड को पा सकते हैं, तो यह आपके आहार में एक बेहतरीन जोड़ हो सकता है। ऐसे ब्रेड में केवल आटा, नमक, पानी, और जैतून का तेल होता है, जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
स्वास्थ्यकर सुझाव: पारंपरिक किण्वित ब्रेड का सेवन करें और आधुनिक रासायनिक-युक्त ब्रेड से बचें।